सुल्तान मोहम्मद फातेह : योद्धा व विद्वान

सुल्तान मोहम्मद फातेह एक महान योद्धा थे जिन्होंने कुस्तुनतुनिया पर विजय हासिल की उन्होंने एक हजार से ज्यादा वर्षों से क़ायम बाइजेंटाइन सम्राज्य का खात्मा कर दिया   कुस्तुनतुनिया शहर पर पहली बार हज़रत मोआविया के जमाने में हमला हुआ लेकिन फतेह नसीब नहीं हुई क्योंकि फतेह सुल्तान मोहम्मद फातेह का मुकद्दर थी  हज़रत मोआविया और सुल्तान मोहम्मद फातेह के बीच लगभग 700 साल का फासला है इस बीच कितने मुस्लिम योद्धा आए जिन के नाम का लोहा दुनिया ने माना पर कोई कुस्तुनतुनिया पर विजय हासिल नहीं कर सका   यहां मैं उनकी बहादुरी और युद्ध नीतियों से हट कर एक दूसरी चीज़ का जिक्र करना चाहता हूं कि मोहम्मद फातेह बहुत बड़े विद्वान थे इल्म दोस्त थे किताबें पढ़ने के शौकीन थे बल्कि यहां तक कहा जा सकता है कि यह इस्लामी इतिहास के सबसे विद्वान शासकों में से एक थे



सुल्तान मोहम्मद फातेह एक महान योद्धा थे जिन्होंने कुस्तुनतुनिया पर विजय हासिल की उन्होंने एक हजार से ज्यादा वर्षों से क़ायम बाइजेंटाइन सम्राज्य का खात्मा कर दिया 

कुस्तुनतुनिया शहर पर पहली बार हज़रत मोआविया के जमाने में हमला हुआ लेकिन फतेह नसीब नहीं हुई क्योंकि फतेह सुल्तान मोहम्मद फातेह का मुकद्दर थी

हज़रत मोआविया और सुल्तान मोहम्मद फातेह के बीच लगभग 700 साल का फासला है इस बीच कितने मुस्लिम योद्धा आए जिन के नाम का लोहा दुनिया ने माना पर कोई कुस्तुनतुनिया पर विजय हासिल नहीं कर सका 

यहां मैं उनकी बहादुरी और युद्ध नीतियों से हट कर एक दूसरी चीज़ का जिक्र करना चाहता हूं कि मोहम्मद फातेह बहुत बड़े विद्वान थे इल्म दोस्त थे किताबें पढ़ने के शौकीन थे बल्कि यहां तक कहा जा सकता है कि यह इस्लामी इतिहास के सबसे विद्वान शासकों में से एक थे 

इन्होंने कुस्तुनतुनिया फतेह करने की जो प्लानिंग की थी वह किसी सेनाध्यक्ष के बजाय किसी प्रोफेसर के अंदाज़ में की थी इसी लिए उनकी प्लानिंग दूसरों से हट कर थी 

सुल्तान को शिक्षा से इतना लगाव था कि 1453 में कुस्तुनतुनिया फतह करने के तुरंत बाद शहर में साइंस व टेक्नोलॉजी की तालीम के लिए एक मदरसा क़ायम किया जिस का नाम मदरसतुल फुनून ( आर्ट कालेज) रखा था जो आज इस्तांबुल युनिवर्सिटी के नाम से मौजूद है यह तुर्की की सबसे पुरानी युनिवर्सिटी है 

सुल्तान मोहम्मद फातेह ने आया सोफिया मस्जिद से करीब ही एक आया सोफिया मदरसा भी बनवाया था जिसे मुस्तफा कमाल अतातुर्क ने बंद करा दिया था राष्ट्रपति अर्दोगान ने इस मदरसा का दोबारा निर्माण कराया है अब इस मदरसा में तालीम हो रही है

इस के इलावा भी सुल्तान ने पूरे राज्य में मदरसे व पुस्तकालय का जाल बिछा दिया बीमारिसतान ( अस्पताल ) बनवाए इस्तांबुल का सबसे बड़ा बाजार भी सुल्तान मोहम्मद फातेह की यादगार है 

सुल्तान मोहम्मद फातेह विद्वानों की कद्र करते थे उन्हें बड़े पद व पुरस्कार से सम्मानित करते थे एक बार उनके पास तबरीज़ शहर से एक प्रतिनिधिमंडल आया जिसमें महान वैज्ञानिक अली कुशजी भी थे सुल्तान मोहम्मद फातेह ने उनकी बातों से उनकी काबिलियत पहचान ली उन्हें आफर दिया कि आप हमारे यहां रुक जाएं हम आप को मदरसा आया सोफिया का प्रिंसिपल बनाते हैं अली कुशजी ने कहा कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन आप एक बार तबरीज के सुल्तान से पूछ लिजिए सुल्तान मोहम्मद फातेह ने इजाजत ले ली और इस तरह उस्मानियों को उनका सबसे बड़ा वैज्ञानिक मिल गया 

अफसोस उनके उत्तराधिकारियों ने शिक्षा की ओर ध्यान देना कम कर दिया जिस की सज़ा पूरी इस्लामी दुनिया को बर्दाश्त करनी पड़ी |

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